प्रारंभिक स्थिति :
पद्मासन।

ध्यान दें :
पूरे शरीर पर।

श्वास :
सामान्य।

दोहराना :
1 बार।

अभ्यास :
पद्मासन में बैठें। > हाथों की सहायता से घुटनों के बल आ जायें और आहिस्ता से पेट के बल लेट जायें। ठोडी को फर्श पर लगायें। बाजुओं को पीठ के पीछे लायें और हथेलियों को इकट्ठा रखें जिसमें अंगुलियां सिर की ओर इंगित करेंगी। > फर्श पर पूरी तरह सपाट लेट जायें और सारे शरीर को आराम देने का प्रयास करें। श्वास सामान्य और सहजता से ले और कुछ समय इस स्थिति में रहें। धीरे-धीरे प्रारंभिक स्थिति में लौट आयें।

लाभ :
यह आसन आधासीसी (Migraines) में सहायक है और पूरी रीढ़ पर सार्थक प्रभाव डालता है। मुड़ी ऐंठन वाली पीठ एवं कूल्हे खिसकने वाली अवस्था में यह विशेष रूप से लाभदायक है।

सावधानी :
कूल्हों, घुटनों या कंधों में पीड़ा होने पर या जब ग्रीवा रीढ़ की समस्या हो तो इस आसन का अभ्यास नहीं करें।

आसन इन निम्नलिखित श्रेणियों में शामिल किया जाता है:
कूल्हों की बीमारी हेतु आसन और व्यायाम