"सभी धर्मों का सम्मान करें, ईश्वर के सभी अवतारों, पवित्र स्थानों के प्रति आदर-श्रद्धा भाव रखें। इसमें सभी जगह उसी भक्ति-भाव से अगाध-श्रद्धा से प्रार्थना करें चाहे वह मंदिर हो, आश्रम हो, यहूदी सभागार, गिरजाघर या मस्जिद हो।"