अवधि :
20-40 मिनट

निम्नलिखित स्तरों में ध्यान का अभ्यास एक मंत्र से प्रारम्भ करें। अपने आध्यात्मिक गुरू से कोई निजी मंत्र नहीं मिला है तो आप एक सामान्य मंत्र, जैसे 'ॐ' या 'सो हमं'का उपयोग करें।

इस व्यायाम के प्रत्येक भाग का अभ्यास कम से कम 2 सप्ताह तक करना चाहिये।

मानस-दर्शन (मन में स्पष्ट रूप से देखना)

  • प्रकृति से एक सुन्दर चित्र मन में धारण करें, सूर्योदय या सूर्यास्त, पूर्ण चन्द्र, महासागर, एक झरना, पर्वत, झील या वन, पुष्पों से भरा हुआ एक घास का मैदान अपनी पसंद के अनुसार एक चित्र चुन लें और उस पर ध्यान एकाग्र करें। (लगभग 10 मिनट)

  • देखें और अपने चित्र का बारीकी से अध्ययन करें। इसकी पूर्ण रूप से परीक्षा करें। (लगभग 10 मिनट)

भावनाओं का मानस-दर्शन और पर्यवेक्षण

  • पूर्व व्यायाम की ही भाँति एक सुन्दर चित्र का मानस दर्शन करें और उसका पर्यवेक्षण करें। (लगभग 5 मिनट)

  • अब आप इसकी परीक्षा करें कि इस चित्र से आपका क्या सम्बंध है। इसी के साथ-साथ उत्पन्न होने वाले विचारों और भावनाओं का भी पर्यवेक्षण करें। एक तटस्थ पर्यवेक्षक की स्थिति में बने रहें। (लगभग 10 मिनट)

  • चित्र और आपके भीतर जो भावनाएं बनती हैं उनके संबंध को परखें, इनका कारण खोजें। (लगभग 10 मिनट)

चित्रों के तारतम्य का मानस-दर्शन

  • लगभग 30 मिनट तक चलने वाले अभ्यास में, विभिन्न चित्रों को एक तारतम्य में या एक फिल्म (चित्र) में जोड़ें जिसमें आप भी एक प्रतिभागी हों। जैसे सूर्योदय - भ्रमण - वन - जल प्रपात - सूर्यास्त, या वर्ष की ऋतुओं में से चित्रों को जोड़ लें।

अपने साथी मानवों के साथ आपके संबंधों का विश्लेषण करना

  • आपके निकट पर्यावरण में व्यक्तियों - माता-पिता, बच्चों, साथी मित्र, सहकर्मी आदि का मानसिक रूप में दर्शन करें। उनको अपने सम्मुख बहुत स्पष्ट रूप में देखें। (लगभग 10 मिनट)

  • अब इन व्यक्तियों से अपने संबंध को खोजें। आपके भीतर यह व्यक्ति जिन भावनाओं को उत्पन्न करते हैं उनके प्रति सचेत हो जायें। उत्पन्न होने वाली भावनाओं या विचारों को न तो जाँचें-परखें और न ही प्रभावित करें। एक तटस्थ पर्यवेक्षक की स्थिति में रहें। (लगभग 20 मिनट)

अपनी मनोदशा को खोजना

  • अपने पूरे जीवन पर विचार करें, आपकी वर्तमान स्थिति, अपने विचारों और भावनाओं को देखें, और स्वयं से पूछें- "क्या मैं खुश हूँ?" (लगभग 10 मिनट)

  • यदि आपको उत्तर मिले "हाँ" तो आगे पूछें "किस कारण मैं खुश हूँ?" क्या यह बाहरी परिस्थिति से है या मेरे स्वयं के आंतरिक मनोभाव से? क्या मेरी प्रसन्नता किसी अन्य वस्तु/व्यक्ति पर निर्भर है? क्या कोई अन्य व्यक्ति मेरी प्रसन्नता पर नियंत्रण करता है? क्या मेरी प्रसन्नता स्थायी या अस्थिर है? (लगभग 20 मिनट)

  • यदि आपका उत्तर "ना" है, तो आगे पूछें, "मैं क्यों प्रसन्न नहीं हूँ?" क्या ये बाह्य परिस्थितियों पर आधारित है? क्या यह किसी व्यक्ति के कारण है? क्या यह भावना सतत है या परिवर्तनशील है? यह बदलती कैसे है? मैं अपनी प्रसन्नता को कैसे किसी व्यक्ति, स्थिति, सम्मान, धन, स्वास्थ्य, परिवार पर निर्भर बनाता हूँ? क्या मैं अपनी आतंरिक मनोदशा को बदल कर या अपने ही प्रयास द्वारा "प्रसन्न नहीं होने" की भावना को दूर कर सकने में समर्थ हूँ? (लगभग 20 मिनट)

आन्तरिक स्वतन्त्रता

  • अपने स्वयं के भीतर आन्तरिक स्वतंत्रता की भावना जागृत करें। (लगभग 10 मिनट)

  • स्वयं को अपने विचारों और भावों से मुक्त कर लें, किन्तु बिना किसी बल-प्रयोग के। उनको बिना धकेले या दमन किए उनसे नरमी व शांति से अपने आपको विरक्त कर लें। (लगभग 10 मिनट)

  • किसी भावना या विचार में संलग्न न रहें, अब यहाँ ही बने रहें। (लगभग 20 मिनट)